सोशल मीडिया का एडिक्शन लगातार बढ़ता जा रहा है , इसके एडिक्ट लोग अपने सभी काम छोड़कर इसी में लगए रहते है। इस कारण उनके अपने परिवार, सहकर्मियों एवं समाज में रिश्ते कमजोर होते जा रहे है। सोशल मीडिया के एडिक्शन से पीड़ित व्यक्ति को भी उपचार की आवश्यकता होती है क्योंकि किसी अन्य नशैले पदार्थ के एडिक्ट व्यक्ति की तरह ही इसके एडिक्ट व्यक्ति का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है।
बेंगलुरू स्थित निम्हान्स ( नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर मेन्टल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस )में इसके उपचार हेतु एक सोशल मीडिया एडिक्शन वार्ड बन गया है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सोशल मीडिया के एडिक्शन को बीमारी घोषित करने के लिए एक कमेटी बना दी है जो की इसको बीमारी घोषित करने पर काम कर रही है जल्द ही सोशल मीडिया का एडिक्शन बीमारी में शामिल हो जायेगा। अतः स्वयं पर नज़र रखे की कही हम सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग तो नहीं कर रहे है ।
बच्चों के इससे पीड़ित होने की सम्भावना ज्यादा होती है उन पर नज़र रखे। अधिक उपयोग करने की दशा में काउन्सलिंग करवाएं।
राजीव तिवारी, एडिक्शन काउंसलर ।