एक नशा पीड़ित जिसका अपने नशे पर नियंत्रण समाप्त हो जाता है उसके जीवन के सभी क्षेत्र चाहे वह शारीरिक मानसिक सामाजिक पारिवारिक आर्थिक और व्यवसायिक आदि में उसको नुकसान होता है इसके साथ नशा पीड़ित का परिवार जो उससे जुड़ा होता है के जीवन के सभी क्षेत्र भी अस्त व्यस्त हो जाते हैं उनके जीवन की दैनिक क्रियाएं जैसे खाना और सोना भी प्रभावित हो जाता है I एक नशा पीड़ित नशा करके कई बार इतना उत्पात मचाता है चीखता चिल्लाता और लड़ता है कि परिवार का खाना खाने का भी मन नहीं करता वह बहुत बार रात को देर से आता है और घर में आकर मारपीट और गाली गलौज करता है जिसके कारण परिवार समय पर नहीं सो पाता है नशा पीड़ित खुद तो सवेरे देर तक सोता रहता है पर उसके परिवार को सही समय पर उठकर काम पर लगना होता है जिसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है इन दोनों कारणों से वह लोग शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार रहने लगते हैं I इसके अलावा जिसके घर पर कोई नशा पीड़ित लड़ाई झगड़ा करता है तो आस पड़ोस के लोग परिजनों का मजाक उड़ाते हैं और उन्हें ताने देते हैं जिस कारण परिजनों के सामाजिक संबंध खराब हो जाते हैं I नशा पीड़ित के द्वारा नशा करने के लिए पैसों के लिए घर में लड़ाई झगड़ा किया जाता है और मौका मिलते ही पैसे एवं अन्य सामान चुरा कर बेच दिया जाता है जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती जाती है I नशा पीड़ित के द्वारा घर में निरंतर क्लेश करने से उसके बच्चे भी अवसाद में रहने लगते हैं और उनकी शिक्षा प्रभावित होती है और आसपास के बच्चों द्वारा उनके पिता का मजाक उड़ाने के कारण वह बच्चे अन्य बच्चों से कटते जाते हैं और अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं नशा एक बीमारी है जिसका उपचार संभव है उपचार हेतु नशा मुक्ति केंद्र की मदद लें I राजीव तिवारी, एडिक्शन काउंसलर, शुद्धि नशा मुक्ति केंद्र, भोपाल एवं रायपुर